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Saturday, 19 November 2016

 श्री साम्बसदाशिवाय नमः 

' शिव ' शब्द नित्य विज्ञानानन्दघन परमात्मा का वाचक है । यह उच्चारण में भी अति सरल , शान्तिप्रद और मधुर है ।
' शिव ' शब्द की उत्पत्ति 'वश कांतौ ' धातु से हुई है । जिसका तात्पर्य यह है कि जिसको सब चाहते हैं उसका नाम शिव है ।
सब चाहते हैं अखण्ड आनन्द को , अतः शिव का अर्थ आनंद हुआ।
जहां आनन्द है , वहीं शान्ति है।
आनंद को ही मंगल या कल्याण भी कहते हैं।  अतः शिव का अर्थ परं मंगल , परं कल्याण भी हुआ।
शिव को शंकर भी कहते हैं।  ' शं ' आनंद को कहा जाता है।  और ' कर ' से करने वाला समझा जाता है।
अर्थात जो आनन्द करता है वही शिव है।
ये सब लक्षण उस  नित्य विज्ञानानन्दघन परमात्मा के ही हैं।
संसार में माँगने वाला किसी को अच्छा नहीं लगता परंतु , भगवान शंकर तो आक , धतूरा , बिल्वपत्र , जल मात्र चढाने से ही संतुष्ट होकर याचना करने वाले को कुछ देने के लिए प्रस्तुत हो जाते हैं।

जरत सकल सुर बृंद विषम गरल जेहि पान किय।
तेहि न भजसि मन मंद को कृपालु शंकर सरिस।।
> जिस भयंकर विष [ की ज्वाला ] से सारे देवता गण जल  रहे थे।   उस विष को जिन्होंने स्वयं पी लिया , रे मंद मन ! तू उन श्री शिवजी को क्यों नहीं भजता ? उनके समान कृपालु कौन है।।   हर हर महादेव    

Thursday, 17 November 2016

जय जय श्री राधे ..... 
उत्तर प्रदेशान्तर्गत जिला अलीगढ़ तहसील अतरौली के कलियानपुर-चकाथल में श्रीमद भागवत कथा के समापन के उपरांत श्री कार्तिक पूर्निमा को मनाये गये आपके जन्मोत्सव की कुछ झांकिया .....




जय जय श्री राधे ..... 
उत्तर प्रदेशान्तर्गत जिला अलीगढ़ तहसील अतरौली के कलियानपुर-चकाथल में श्रीमद भागवत कथा मे श्री प्रभु के विवाहोत्सव की कुछ झांकिया .....









जय जय श्री राधे ..... 
उत्तर प्रदेशान्तर्गत जिला अलीगढ़ तहसील अतरौली के कलियानपुर-चकाथल में श्रीमद भागवत कथा मे श्री प्रभु जन्मोत्सव की कुछ झांकिया .....





जय जय श्री राधे ..... 
उत्तर प्रदेशान्तर्गत जिला अलीगढ़ तहसील अतरौली के कलियानपुर-चकाथल में श्रीमद भागवत कथा के प्रथम दिवस की कुछ झांकिया .....





Wednesday, 16 November 2016

जय जय श्री राधे...... 

उत्तर प्रदेशान्तर्गत  जिला अलीगढ़ तहसील अतरौली के कलियानपुर-चकाथल में श्रीमद भागवत कथा के शुभारम्भ मैं श्री कलश यात्रा की कुछ झांकिया .....