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Tuesday, 29 August 2017

अलीगढ के वार्ष्णेय मंदिर में संस्कार भारती के तत्वावधान में चल रहे श्रीगणेश चतुर्थी महोत्सव के मध्य प्रायोजित पार्थिव शिवलिंग पूजा अनुष्ठान के कुछ छायाचित्र ........















Monday, 28 August 2017


अलीगढ़ के वार्ष्णेय मंदिर में चल रहे श्री गणेशोत्सव के मध्य दिनांक २७ अगस्त २०१७, रविवार को हुए श्री रिद्धि सिद्धि अनुष्ठान के कुछ छायाचित्र एवं दैनिक समाचार पत्रों  में प्रकाशित समाचार  ......









Friday, 25 August 2017

ऋषि पंचमी व्रत का महत्त्व

Saturday, 19 August 2017

ज्योतिष-वेद-पुराण-कर्मकांड-तंत्र-मन्त्र-यंत्र-रत्न-रुद्राक्ष-वास्तु आदि आध्यात्मिक प्रश्नो का मंच----

Sunday, 6 August 2017

हरियाणा के इन ज्योतिषाचार्य बंधु ने रक्षाबंधन के सम्बन्ध में
ये निर्णय अपने लैटर पेड पर लिख कर दिया है |
  -- आइये देखते हैं ये सूचना कितनी प्रामाणिक है-------




हरियाणा के इन ज्योतिषाचार्य बंधु ने रक्षाबंधन के सम्बन्ध में
ये निर्णय अपने लैटर पेड पर लिख कर दिया है |
  -- आइये देखते हैं ये सूचना कितनी प्रामाणिक है-------

01 -   इन ज्योतिषाचार्य बंधु ने ना तो ये स्पष्ट लिखा है की ये सूचना किस पंचांग के आधार पर दे रहे हैं |
 -- क्या ये गणित इनका अपना किया हुआ है ??
02 - इन्होने चंद्र ग्रहण का  समय रात्री 10  - 45  से रात्री 12  -45  तक लिखा है ||
 - आइये देखते है प्रसिद्ध पंचांगों मैं ग्रहण का क्या समय दिया है --
श्रीगृहस्थ जंत्री = रात्री 10  - 52 से रात्री 12  - 49  तक
श्रीमार्तण्ड पंचांग = रात्री 10  - 52 से रात्री 12  - 49  तक
पंचांग दिवाकर = रात्री 10  - 52 - 56  से रात्री 12  - 48 - 09  तक
श्रीविश्वविजय पंचांग = रात्री 10  - 52 से रात्री 12  - 49  तक
भवानी शंकर निर्णय सागर पंचांग = रात्री 10  - 2 2 से रात्री 12  - 22  तक
विशेष ध्यान दें - भवानी शंकर निर्णय सागर पंचांगकी गणित सूक्ष्म नहीं अपितु स्थूल [ मोटी ] है | अतः इसके द्वारा दिए गए ग्रहण समय आदि को  विद्वानो की सभा मैं स्वीकृत नहीं किये जाते |
आप  स्वयं देख सकते हैं  कि ग्रहण के किस समय को ज्यादा अनुपात मैं स्वीकार किया  है |  स्पष्ट है की ग्रहण का समय रात्री 10  - 52 से रात्री 12  - 49  तक ही बहुधा स्वीकृत है , रात्री 10  - 45  से रात्री 12  -45  तक नही || 
03 -  इन ज्योतिषाचार्य बंधु ने सूतक काल का प्रारम्भ लिखा है दोपहर 01 - 30 -00 ||
-- जबकि ग्रहण का स्पष्ट सिद्धांत है की चंद्र ग्रहण के सूतक का प्रारम्भ ग्रहण से ठीक 09  घंटे पूर्व प्रारम्भ होता है | अब इन्ही ज्योतिषी के ग्रहण प्रारम्भ काल के अनुसार तो सूतक काल भी दोपहर 01 - 45 से प्रारम्भ होना चाहिए | इतनी स्थूल बात भी ये ज्योतिषी भूल गए क्या ??