मकर संक्रांति 2 दिन मनाई जाएगी 14 और 15 जनवरी।।
जिस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है ।
वैदिक साधना पीठ के आचार्य गुरु ललितानंद व्यास ने बताया कि 14 जनवरी को रात्रि 7 बज कर 51 मिनट पर आधी रात से पहले सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे इस आधार पर निर्णय सिंधु धर्मसिंधु में लिखा है "अर्वांग निशीथ आदि यदि संक्रमः स्यात् पूर्वेन्हि पुण्यः" अर्थात आधीरात से पहले सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर उसी दिन दोपहर के बाद मकर संक्रांति होती है इसी के साथ यह भी लिखा है कि "मकरे चत्वारिंशत्परा इदं हेमाद्रे नोक्तम्" अर्थात सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय से 40 घड़ी यानी 16 घंटे बाद तक मकर संक्रांति मनाई जा सकती है इस आधार पर मकर संक्रांति से संबंधित स्नान दान आदि 14 जनवरी को दोपहर के बाद तथा 15 जनवरी को दोपहर 11बजकर 51मिनट तक किया जाना शास्त्र सम्मत है । इस दिन खिचड़ी कंबल आदि दान करने का बहुत महत्व है
जिस दिन सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं उस दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है ।
वैदिक साधना पीठ के आचार्य गुरु ललितानंद व्यास ने बताया कि 14 जनवरी को रात्रि 7 बज कर 51 मिनट पर आधी रात से पहले सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे इस आधार पर निर्णय सिंधु धर्मसिंधु में लिखा है "अर्वांग निशीथ आदि यदि संक्रमः स्यात् पूर्वेन्हि पुण्यः" अर्थात आधीरात से पहले सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर उसी दिन दोपहर के बाद मकर संक्रांति होती है इसी के साथ यह भी लिखा है कि "मकरे चत्वारिंशत्परा इदं हेमाद्रे नोक्तम्" अर्थात सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय से 40 घड़ी यानी 16 घंटे बाद तक मकर संक्रांति मनाई जा सकती है इस आधार पर मकर संक्रांति से संबंधित स्नान दान आदि 14 जनवरी को दोपहर के बाद तथा 15 जनवरी को दोपहर 11बजकर 51मिनट तक किया जाना शास्त्र सम्मत है । इस दिन खिचड़ी कंबल आदि दान करने का बहुत महत्व है