आचार्यगुरु ललितानन्द 'व्यास'
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Thursday, 18 May 2017
जय जय श्री राधे >>>>> श्रीमद्भागवत , मनुस्मृति आदि के अनुसार यज्ञ करना और कराना , अध्ययन करना और कराना, दान देना और लेना ये ब्राह्मण के छः कर्म है --
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