श्री गणेश चतुर्थी / कलंक चतुर्थी
भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।
भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न काल [दोपहर ] में हुआ था !
इसीलिए मध्याह्न [दोपहर] के समय को गणेश पूजा के लिये ज्यादा उपयुक्त माना जाता है।
गणेश पूजन मुहूर्त >>>
05 सितंबर 2016 सोमवार -- प्रातः सूर्योदय से रात्रि 21-09 तक
मध्यान्ह काल विशेष मुहूर्त ---- दोपहर 11-04 से 01- 34 तक [ दिल्ली के अनुसार ]
गणपति को दुर्वांकुर अवश्य चढ़ाये >>
कारण -- देव हित में [ अग्निरूप ] अनलासुर को उदरस्थ करने के बाद उदर में बढी हुई अग्नि ज्वाला को
शांत करने हेतु गणपति को दुर्वांकुर का सेवन कराया गया, जिससे गणपति को परम शान्ति
का अनुभव हुआ ! तब से गणपति को दूर्वा समर्पित की जाने लगी !
गणपति के पूजन में 21- 21 दुर्वांकुरो के 21 गुच्छो से बनी हुई माला समर्पित करनी चाहिए !
इसके साथ निम्न लिखित मंत्रो के द्वारा प्रत्येक मन्त्र से एक दुर्वांकुर चढ़ाना चाहिए !
ध्यान रहे >> दुर्वांकुर का आगे का हिस्सा अपने तरफ रख कर ही चढ़ाये !
- श्री गणञ्जयाय नमः
- श्रीगणपतये नमः
- श्रीहेरम्बाय नमः
- श्रीधरणी धराय नमः
- श्रीमहा गणपतये नमः
- श्रीलक्ष प्रदाय नमः
- श्रीक्षिप्र प्रसादनाय नमः
- श्रीअमोघ सिद्धये नमः
- श्रीअमृताय नमः
- नमःश्रीमंत्राय नमः
- श्रीचिन्ता मणये नमः
- श्रीनिधये नमः
- श्रीसुमंगलाय नमः
- श्रीबीजाय नमः
- श्रीआशा पूरकाय नमः
- श्रीवरदाय नमः
- श्रीशिवाय नमः
- श्रीकश्यपाय नमः
- श्रीनन्दनाय नमः
- श्रीवाचा सिद्धाय नमः
सभी नामो को एक बार बोलकर 21 वा दुर्वांकुर चढ़ाएं >>
21. श्री ढुंढि विनायकाय नमः
गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को प्रारम्भ होकर १० दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है !
गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन वर्ज्य होता है। स्कन्द पुराणादि के अनुसार कि इस दिन चन्द्र के दर्शन करने से झूठा दोष अथवा मिथ्या कलंक लगता है !
कारण >> कीचड में फिसल कर गणेश जी के गिरने पर चन्द्रमा हँस पड़े !
गणपतिजी ने चन्द्रमा को श्राप दे दिया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन जो भी चन्द्रमा को देखेगा उसे झूठा दोष लगेगा !
झूठे आरोप के सम्बन्ध में भगवान कृष्ण ने जाम्बवान के पूछने पर बताया कि मैंने आकाश में तो नहीं किन्तु गोपद के जल में भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखा था जिसकी वजह से उन्हें झूठा दोष का लगा है।
अगर भूल से गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन हो जाए तो दोष निवारण के लिए निम्न मंत्र का जप करना चाहिए -------
सिंह: प्रसेन मवधीत सिंहो जाम्बवता हतः!
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः !!
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