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Monday, 21 March 2016

होलिका दहन 22 या 23 कब किया जाये ???? 


उत्तर भारत के [ जो हमारे पास उपस्थित हैं , लगभग ]  सभी प्रामानिक पंचांग जैसे --- श्री मार्तण्ड  पंचान्ग ,, श्री विश्व विजय पंचांग ,, श्री  दिवाकर  पंचान्ग ,, श्री  राजधानी/ ब्रज भुमि ,,  नीमच आदि के पंचांगो मैं भी   होलिकादहन स्पष्ट रूप से 23 मार्च का ही लिखा है ,,, 


यहाँ तक की   श्रीमार्तण्ड  पंचान्ग  एवं  श्रीदिवाकर  पंचान्ग मैं तो होलिकादहन के दिन / तारीख के स्पष्टीकरण के लिए प्रामाणिक लेख भी दिया गया  है .... 


भारतीय संस्कृति के विरोधी टीवी चैनलों पर बैठ कर  और अखबारों के माध्यम से 22 मार्च को होलिकादहन बताने  वाले ये तथाकथित धूर्त ज्योतिषी क्या   कोई भी पंचांग नहीं रखते ??  या खुद को इन पंचांग गणित कर्ताओ  से ज्यादा योग्य  दिखाकर व्रत  पर्व के दिन / तारीखों के बारे  मैं भारतीय जन  मानस को भ्रांत करना  और भारतीय ज्योतिष व्रत  पर्व और पंचांगों का उपहास उड़ाना  ही इनका ध्येेय है ...  


व्रत पर्वो के बारे मैं   प्रामाणिक पंचांगों  द्वारा निधारित दिन तारीखों को गलत सिद्ध  करने वाले इन अखबारी और मीडियाई तथाकथित धूर्त ज्योतिषीयो द्वारा कोई भी पंचांग की गणित या व्रत पर्वो के निर्धारण करने वाले ग्रंथो से परिचय भी नहीं  दिखाई देता ..... 


केवल विदेशी पैसो के बल पर भारतीय संस्कृति की  विकृति को दिखने वाले  ये  चैनल किसी प्रामाणिक पंचांग करता को कभी अपने चैनल पर नहीं बुलाते ,,,


 हल्दी की एक गाँठ लेकर बने हुए पंसारी  की तरह के तथाकथित धूर्त ज्योतिषी इन चैनल वालो को खूब प्राप्त  हो जाते हैं 
 

आप सभी श्रद्धालु जनो  से विनम्र  निवेदन और आग्रह है की इन अखबारी और मीडियाई तथाकथित धूर्त ज्योतिषीयो  के द्वारा फैलाये जा रहे इन अप्रामाणिक निर्देशो  को स्वीकार करने से पूर्व अपने निकटतम किन्ही सुयोग्य ज्योतिषी महानुभाव से पूछिये की ---


 श्री मार्तण्ड  पंचान्ग ,, श्री विश्व विजय पंचांग ,, श्री  दिवाकर  पंचान्ग ,, श्री  राजधानी/ ब्रज भुमि ,,  नीमच आदि पंचांगों मैं होलिकादहन किस दिन है ?? 


आप खुद सुनेंगे की वो 23 मार्च को ही होलिकादहन बताएँगे --- अंतर सिर्फ इतना है की परम्परा के अनुसार ज्यादातार  स्थानो पर लोग देर रात को होलिकादहन करते हैं 


किन्तु इस वर्ष 23  मार्च को सांय 05 से 05 - 30 तक  होलिकादहन [[ धर्मसिंधु , वर्षकृत्य , ब्रह्मवैवर्त पुराण , भविष्योत्तर पुराण , पुरुषार्थ चिंतामणि आदि ]] शाश्त्रो द्वारा  अनुमोदित और आदेशित है !! 



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