देवताओं को भी दुर्लभ है श्रीमद्भागवत ........
पद्मपुराण में श्री मद्भागवत का माहात्म्य बताते हुए कहा गया है कि ---- श्रीशुकदेवजी जब राजा परीक्षित को कथा सुनाने लगे तब देवता लो उनके पास अमृत का कलश लेकर आये और श्री शुकदेव जी को नमस्कार करके बोले -- आप हमसे ये अमृत ले लीजिए , अज परीक्षित को पिला दीजिये और --
"प्रपास्यामो वयं सर्वे श्रीमद्भागवतामृतम् " बदले में यह श्रीमद्भागवत कथा रुपी अमृत हमको पिला दीजिये !!
शुकदेव जी ने विचार किया ----- क्व सुधा क्व कथा लोके क्व कांच: क्व मणिर्महान !! कहाँ सुधा [ अमृत ] और कहाँ कथा ? कहाँ काँच और कहाँ मणि ? मणि का मुकाबला काँच कर सकता है क्या ? कथा का मुकाबला अमृत कर सकता है क्या ?
ये विचार करके श्री शुकदेव जी ने व्यापारी बन कर आये देवताओं को भक्ति रहित , अनधिकारी जान कर कथा रुपी अमृत प्रदान नहीं किया ! स्वर्ग का अमृत ठुकरा दिया !
इसीलिये कहा है ----- श्रीमद्भागवती वार्ता सुराणामपि दुर्लभा !!
श्रीमद्भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है
पद्मपुराण में श्री मद्भागवत का माहात्म्य बताते हुए कहा गया है कि ---- श्रीशुकदेवजी जब राजा परीक्षित को कथा सुनाने लगे तब देवता लो उनके पास अमृत का कलश लेकर आये और श्री शुकदेव जी को नमस्कार करके बोले -- आप हमसे ये अमृत ले लीजिए , अज परीक्षित को पिला दीजिये और --
"प्रपास्यामो वयं सर्वे श्रीमद्भागवतामृतम् " बदले में यह श्रीमद्भागवत कथा रुपी अमृत हमको पिला दीजिये !!
शुकदेव जी ने विचार किया ----- क्व सुधा क्व कथा लोके क्व कांच: क्व मणिर्महान !! कहाँ सुधा [ अमृत ] और कहाँ कथा ? कहाँ काँच और कहाँ मणि ? मणि का मुकाबला काँच कर सकता है क्या ? कथा का मुकाबला अमृत कर सकता है क्या ?
ये विचार करके श्री शुकदेव जी ने व्यापारी बन कर आये देवताओं को भक्ति रहित , अनधिकारी जान कर कथा रुपी अमृत प्रदान नहीं किया ! स्वर्ग का अमृत ठुकरा दिया !
इसीलिये कहा है ----- श्रीमद्भागवती वार्ता सुराणामपि दुर्लभा !!
श्रीमद्भागवत की कथा देवताओं को भी दुर्लभ है
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