सनातन राष्ट्र धर्म संस्कृति की रक्षा सेवा के लिए शास्त्र और शस्त्र के संयुक्त प्रयोग के उपदेशक
भगवान श्री परशुराम जी की जयन्ती [ 08 मई 2016 रविवार ] के उपलक्ष्य में सूक्ष्म चर्चा >>>>>>>
?????? क्या करे ब्राह्मण जब धर्म पर संकट आये ??????
मनु स्मृति में ब्राह्मण के छह कर्म बताये गए हैं --
अध्यापनमध्ययनम् यजनम् याजनम् तथा !
दानम् प्रतिग्रहम् चैव ब्राह्मणानामकल्पयत् !!
अर्थात -- पढ़ना , पढ़ाना , यज्ञ करना , यज्ञ कराना , दान देना , दान लेना ये छह कर्म ब्राह्मणो के हैं !!
किन्तु इसके साथ ये भी अवश्य ध्यान रखें कि ब्राह्मण
केवल शास्त्र के अध्ययन अध्यापन
[ पढ़ने , पढ़ाने , यज्ञ करने , यज्ञ कराने , दान देने और दान लेने आदि]
तक ही सीमित् ना रहे --
सनातन राष्ट्र धर्म संस्कृति की रक्षा सेवा के लिए शस्त्र प्रयोग की आज्ञा भी दी गयी है मनु स्मृति में !!
शस्त्रम् द्विजाति भिर्ग्राह्यम् धर्मो यत्रोपरुध्यते !
द्विजातीनाम् च वरणानाम् विप्लवे काल कारिते !! [ मनु स्मृति ]
अर्थात -- जब द्विजातियो को अपने धर्म पालन से रोका जाए
अथवा समय के प्रभाव से वर्ण विप्लव [ वर्णाश्रम व्यवस्था नष्ट ] होने लगे ,
उस समय द्विजो [ क्षत्रिय, वैश्य के साथ साथ ब्राह्मण ] को भी शस्त्र ग्रहण करना चाहिये !!!
>>>> अर्थात धर्म की रक्षा के लिये की गयी हिंसा धर्म ही है !!
>>> ध्यान दें -- द्विज का अर्थ ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य है !!