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Wednesday, 6 April 2016

ईश्वर सदा  सर्वदा सर्वत्र विद्यमान है -----------


कही हम हमारी आवश्यकताओं / इच्छाओं के पूरा ना  होने के लिए ईश्वर को दोष तो नहीं दे रहे है??? 
अथवा  ईश्वर की सत्ता के होने ना होने के द्वंद्व मैं तो नहीं फंस गए हैं ??


ईश्वर मैं , ईश्वर की सत्ता मैं श्रद्धा विशवास की कमी होने लगे , तो समझ लेना चाहिए कि ------ 
या तो कुसंग हो रहा है या पाप की कमाई आ रही है  !! 


ईश्वर सदा  सर्वदा सर्वत्र विद्यमान है ----------- ईशावास्यम इदं सर्वं यत्किंचित जगत्यां जगत !! [ ईशावास्योपनिषद ]  
हरि व्यापक सर्वत्र समाना !! [श्री तुलसीदास ]

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