गोवर्धन श्री का संक्षिप्त परिचय
भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर
युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के
प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत अपनी
कनिष्ठिका [ छोटी ] अंगुली पर उठाया था।
गोवर्धन पर्वत को गिरिराज जी भी कहते हैं।
यहाँ
दूर-दूर से भक्तजन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते रहे हैं। यह ७ कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की है।
मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का
लोटा, दानघाटी इत्यादि हैं।
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